Saturday, January 28, 2012

Phasle

कल फिर आई थी तुम ख्वाब में,
कोहरे से ढकी किसी सुबह में,
ओस की बूंदों सी थी तुम या सूर्य की किरण सी,
पल्लवी सी थी तुम या किसी परी सी,
वही मुस्कान थी चेहरे पर आँखों में फिर चमक थी,
खामोश मैं था और तुम भी चुप थी,
बातें तो बहुत थी पर शब्द कम थे,
दूर हम नहीं थे पर फासले बहुत थे.

देख कर तुम्हे, मैं खुश भी बहुत था,
दिल में उमंग थी आँखों में फिर नशा था,
कुछ दूर मैं चला था पर साथ तुम नहीं थे,
दूर हम नहीं थे पर फासले बहुत थे..... 

 







 






Sunday, January 22, 2012

Wo Corner Wali Seat

ये बात उन दिनों की है जब हम थे किसी कॉलेज में
सुबह से शाम तक लेक्चर पे लेक्चर,  
कुछ boring कुछ interesting  
ऐसे ही किसी bore lecture में, उस कॉर्नर वाली सीट पर बैठी लड़की का दीदार हुआ,
यूँ तो देखा था उन्हें पहले भी कई बार पर ये एहसास पहली बार हुआ.

उसमें कुछ खास था जो मेरे दिल के पास था.

यूँ तो उनसे पहले भी कई नाजनीन आई थी मुझे पसंद,
 पर उन सबमे था बहुत कुछ common
जैसे कि उनकी height, complexion और eyes.

पर ये कुछ अलग थी, कुछ different.

उसका हसना, उसकी बातें, उसकी जुल्फें और आँखे सब different.

वो कॉर्नर वाली सीट उसके लिए
riserve थी और center  वाली मेरे  लिए.

हर boring  लेक्चर में वो इकलोता attraction  थी
और हर  interesting  lecture   में वो इकलोता distraction  थी. 


जब lecture होता  physiology का में पड़ता उसकी psychology 
कब हस्ती है, क्यूँ हस्ती है, क्या पसंद है, क्या नापसंद, 
बस इसमें थी मेरी दिलचस्पी.


हर poor joke पे वो खिलखिला कर हस्ती 
और हर बार मेरी नज़र बस उस पर जा अटकती.

कुछ अलग सी थी आवाज़ उसकी,
और अदा भी थी जुदा,
यूँ तो थी वो नाजुक परी,
पर हो जाती थी कभी खफा.

गुस्से में उसकी आँखे हो जाती थी कुछ और बड़ी,
और गुलाबी रंग उसका कुछ और निखर जाता था. 

Sorry यार chill   मार फिर नही करूँगा god   promise  
कभी icecream   कभी  chocolate 
 बस ऐसे में उसे मनाता था
और इस रूठने मानाने में दिन गुजर जाता था. 

उसके बिन दिन होते तनहा,
और रातें भी होती सूनी 
और उन सूनी रातों में याद बहुत वो आती थी. 

फिर कभी   sms कभी  missed   call    
जब   control  न हो तो करता था मैं call  .


अपने  emotions के बारे में मैंने न कभी कुछ जताया था
पर सब जानती हूँ मैं, ऐसा उसने मुझे बताया था.

और उसके बाद बदल गया था हमारे बीच सब कुछ,
अब में रहता था चुप न वो कहती थी कुछ.

कभी वो मुझसे नजरें चुराती कभी में उसे देख पलट जाता,
   
अजीब सी situation   थी न कोई   solution  था.   
 
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वो कॉर्नर वाली सीट अब भी है
पर नहीं है वो वहां 
lecture अब भी  boring   हैं पर वो  attraction  कहाँ 
lecture अब भी  interesting हैं
पर वो distraction  कहाँ
रातें अब भी तनहा हैं पर साथ मेरे वो कहाँ 

वो कॉर्नर वाली सीट अब भी है पर नहीं है वो वहां.......  

         



  

Jab Talak

जब तलक है धड़कन दिल में,
जब तलक है रूह जिस्म में,
जब तलक मुखातिब है मेरी नजर नजारों से,
जब तलक है सूरज की रौशनी चाँद की चांदनी,
जब तलक है जहाँ में हवा और पानी,
जब तलक तेरी सीरत है पाक और तुझे है मेरी याद,
तब तलक मेरी मुहब्बत,
मेरे सीने में है तेरे लिए चाहत इज्ज़त और मुहब्बत बस तब तलक.
    

A Day Without You

A day without you is like a day without sun,
                             is like sun without light,
                             is like summer in the desert.

A day without you is like a night without moon,
                             is like sleep without dreams.

A day without you is like eyes without sight,
                             is like flowers without colours.

A day without you is like songs without music,
                             is like heart without it's beat.

A day without you is like body without soul,
                             is like me without you.

A day without you is like a life without you.